इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) भारत की सबसे नामी संस्था है जिसमें भारत के कई डॉक्टर शामिल है. IMA ने 8 मई को एक चिठ्ठी जारी की है प्रेस रिलीज़ के तौर पर. इस चिठ्ठी में कठोर लहज़े में देश की इस मौजूदा हालात के लिए केंद्र की मोदी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया गया है. IMA ने अपनी चिठ्ठी में सरकार पर आरोप लगाया है कि बार बार कोरोना के चैन को तोड़ने के लिए IMA ने सम्पूर्ण लॉक डाउन के लिए के केंद्र को कहा था, मगर केंद्र ने इसे नजरंदाज किया. चिठी के मुताबिक, लगातार 20 दिन तक IMA ने केंद्र से ये मांग की मगर इसके बावजूद केंद्र चुप रहा.

यही नहीं, IMA ने केंद्र सरकार से मांग की थी कि वैक्सीनेशन सबके लिए मुफ़्त हो और इसके लिए एक प्रभावी रणनीति बनाई जाए. मगर केंद्र की मोदी सरकार ने IMA के इस सुझाव को भी नजरअंदाज किया. ऑक्सीजन की कमी को लेकर भी IMA ने केंद्र के रवैये पर सवाल उठाया है. IMA ने स्वास्थ्य विभाग की और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की आलोचना की है. IMA ने ये भी कहा है कि सरकार मौत के असल आकंड़ों को छुपा रही है. इससे हालात और बिगड़ रहें हैं.IMA ने केंद्र से मांग की है कि इस आपदा से निपटने के लिए युद्धस्तर पर काम होना चाहिए.