हाल ही में केंद्र सरकार ने बड़े दवाब के बिच ये फैसला किया कि भारत में 18 से अधिक उम्र के सभी लोग कोरोना का वैक्सीन ले सकते हैं. विपक्ष के नेता राहुल गाँधी समेत कई जानकार लोग इस बात की मांग कर चुके थें. मगर सरकार के इस फ़ैसले में भी कुछ ऐसी चीजों का जिक्र किया गया जिसके बाद से विवाद शुरू हो गया है. दरअसल केंद्र ने नई नीति के मुताबिक अलग अलग उम्र के लोगो को वैक्सीन अलग अलग दामों पे देने की घोषणा की. जिसके बाद भारत में वैक्सीन निर्माण कर रही आदर पूनावाला की कंपनी ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि वे केंद्र सरकार को अलग दामों पर, राज्य सरकार को अलग दामों पर और प्राइवेट अस्पतालों को अलग दामों पर वैक्सीन देगी. कोरोना काल में भी इस तरह से खुलेआम मुनाफ़ा कमाने की नीति की आलोचना होने लगी.

कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गाँधी ने भी पत्र लिख कर नरेन्द्र मोदी से वैक्सीन नीति में भेदभाव दूर करने की मांग की है. सोनिया गाँधी ने अपने पत्र में लिखा कि देश अभी विपरीत परिस्थितियों से गुजर रहा है ऐसे में जरुरत ये है कि बड़े रणनीतिक तरीके से इस महामारी से निपटा जाए मगर जिस प्रकार केंद्र ने वैक्सीन नीति बनाई है वो बिलकुल भी सही नहीं है. सोनिया ने अपने पत्र के माध्यम से पीएम मोदी से मांग की है कि वैक्सीन नीति सरल और स्पष्ट हो. किसी भी नागरिक से उसके उम्र जात धर्म को लेकर कोई भी भेदभाव न किया जाए. सोनिया ने कहा कि केंद्र सरकार को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि देश के तमाम नागरिक को कोरोना वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध करवाई जाएगी.